एक बार सच और झूठ नदी मे सनान करने गये
दोनो ने अपने कपड़े उतार कर नदी के तट पर रख दिए और झट पट नदिं मे कूद पड़े|
सबसे पहले झूठ नदी से न्हा कर बाहर आया और सच के कपड़े पह्न कर चला गया, जो उसे ज़यादा पसंद थे,
सच अभी भी नदी मे सनन कर रहा था |
जब सच नहा कर बाहर निकला तो उसके कपड़े गायब थे |
वान्हा तो झूठ के कपड़ें थे भला वो उन्हे कैसे पहनता ?
इसलिए कहते हैं की तब से सच नंगा है और झूठ सच के कपड़े पहनकर सच के रूप मे घूमता है|
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